भोपाल। भाजपा के नए नवेले संगठन महामंत्री सुहास भगत भी गुटबाजी वाली राजनीति का शिकार हो ही गए। फीडबैक के आधार पर लिया गया उनका पहला ही निर्णय विवादित हो गया। पिछले दिनों उन्होंने अतुल राय को महाकोशल प्रांत का संगठन मंत्री बनाया था। रीवा के संभागीय संगठन मंत्री इसका तीखा विरोध किया और सामान समेट वापस चले गए। घबराए सुहास ने मध्यभारत और मालवा प्रांत के संगठन मंत्रियों का ऐलान ही टाल दिया।
प्रांत स्तर संगठन मंत्री की तैनाती की नई व्यवस्था शुरू हो जाने के बाद सभी संभागीय संगठन मंत्री उनके मातहत काम करेंगे। अभी यह भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि संभागों में संगठन मंत्री रखे जाएंगे कि नहीं। रीवा में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पहले दिन जैसे ही अतुल राय की नियुक्ति संबंधी घोषणा हुई उसके बाद झा का असंतोष सामने आ गया था। उन्होंने उसी दिन प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर आपत्ति जताई और शुक्रवार को रीवा से बोरिया बिस्तर समेट लिया था।
सुहास नहीं चाहते कि मध्यभारत या मालवा प्रांत में भी ऐसा ही कुछ हो इसलिए वो अपने निर्णयों की एक बार फिर समीक्षा करना चाहते हैं। याद दिला दें कि संगठन मंत्री भाजपा में सदैव स्वीकार्य होते हैं। इनका कभी विरोध नहीं होता परंतु पिछले कुछ दिनों में संगठन मंत्रियों के बीच चल रही राजनीतिक गुटबाजी उभरकर सामने आ गई है। इन दिनों यह मीडिया की सुर्खियों में है।