नई दिल्ली। करीब एक सप्ताह पहले केरल पहुंचे मानसून की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है। इसके आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हालात नहीं बन रहे हैं। हालांकि मध्य और उत्तर पश्चिम के इलाकों में जल्द लू के थपेड़े खत्म होंगे और मानसून पूर्व की बौछार होगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि मानसून अभी कर्नाटक के कारवार एवं गडग और आंध्र प्रदेश के ओंगोल पहुंच गया है। अगले दो-तीन दिनों में इसके कुछ आगे बढ़ने की संभावना है।
इसके बाद उसके उत्तर बंगाल की खाड़ी, सिक्किम, उत्तर पूर्व और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर छा जाने की उम्मीद है। मानसून की धीमी प्रगति के चलते देश मध्य और उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में बारिश के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन इन स्थानों पर मानसून से पहले की बारिश से गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि इससे हवा में नमी होगी। उत्तर पश्चिम, मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। केरल में इस बार मानसून सात दिन की देरी के बाद आठ जून को पहुंचा। आम तौर पर वह एक जून को केरल तट, 10 जून को मुंबई और एक जुलाई तक दिल्ली पहुंचता है। मानसून 15 जुलाई तक देश में अंतिम स्थान जैसलमेर पहुंचता है।