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इसके अलावा प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि दो साल पहले ऐसी ही पार्टियों में एक छात्र की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बढ़ते क्राइम रेट में छात्रों की संलिप्तता देखते हुए ये फैसला लिया गया। दीपक जोशी ने बताया कि अब फ्रेशर पार्टी कॉलेज में ही होंगी वो भी एडमिनिस्ट्रेशन की निगरानी में।
सरकार के इस फैसले का विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने विरोध किया है। साथ ही साथ छात्रों में भी इसे लेकर नाराजगी है। कांग्रेस का कहना है कि अगर कॉलेजों से शराब पीने की प्रवृत्ति बढ़ती है तो सरकार उसे प्रदेश में बैन क्यों नहीं कर देती। वहीं छात्रों ने कहा कि फ्रेशर पार्टी सीनियर, जूनियर को आपस में समझने और जानने के लिए होती है इसे बंद नहीं करना चाहिए।