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दरअसल पिछला बजट पेश होने के बाद मंत्रियों को खुद के काम का प्रजेंटेशन बनाने के निर्देश दिए गए थे। लिहाज दो साल पूरे कर चुकी सरकार में अब ये सही वक्त है जब सभी मंत्री अपना काम दिखाएं। हालांकि इन दो वर्षों में पीएम मोदी खुद लगातार सरकार के सभी मंत्रालयों में अपनी विशेष नजर रखे रहें और कामकाज को देखते रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का सभी मंत्रियों को साफ निर्देश है कि जिन योजनाओं की घोषणा उनकी सरकार ने की है, उन्हें समय पर लागू हो जाना चाहिए।
यूपी-पंजाब के कोटे से बनाए जा सकते हैं ज्यादा मंत्री
पीएम की सख्ती के चलते कैबिनेट में शामिल तमाम मंत्रियों के बीच कॉम्पटीशन नजर आ रहा है। कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है। मॉनसून सत्र से पहले बुलाई गई मोदी की मीटिंग में मंत्रियों के काम का ब्यौरा ही तय करेगा कि उन्हें पद पर बने रहना है या नहीं।
सूत्रों की मानें तो सरकार की इस बैठक का मकसद आगामी विधानसभा चुनावों से भी जुड़ा है। अगले साल यानी 2017 में यूपी और पंजाब में विधान सभा चुनाव हैं। ऐसे में मोदी सरकार ये सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि यूपी और पंजाब में जनता को बताने के लिए सरकार के पास ठोस मसौदा तैयार है या नहीं।
लिहाजा इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि मोदी सरकार कैबिनेट में परिवर्तन कर दोनों सूबों के कोटे से ज्यादा लोगों को मंत्री बना सकती हैं।