मंडला। यहां ब्राह्मण समाज ने एक विशाल रैली निकालकर सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। समाज सरकार के उस फैसले से आहत है, जिसमें दलितों को पुजारी बनाने और सरकारी खर्च पर उन्हें प्रशिक्षण देने की नीति बनाई है। इस रैली के जरिए ब्राह्मण समाज ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर उनसे मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय को बदलने में हस्तक्षेप करने की मांग की। ब्राह्मण समाज ने कहा कि इस तरह का फैसला तो भारत की संस्कृति पर आघात करने वाले मुगलों और अंग्रेजों ने भी नहीं किया था।
ब्राह्मण समाज की विशाल रैली प्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ खुली वैचारिक जंग का ऐलान किया गया है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में दलितों को पुजारी बनाने और सरकारी खर्च पर उन्हें प्रशिक्षण देने की नीति बनाई है। ब्राह्मण समाज ने सरकार से इस निर्णय को तत्काल रद्द करने की मांग की है।
ब्राह्मण समाज का कहना है कि, वे सनातन धर्म की व्यवस्था के अनुरूप पीढ़ियों से पुजारी रहे हैं। पुजारी का दायित्व ब्राह्मण के लिए सम्मान के साथ-साथ जीविकोपार्जन का साधन भी है। ब्राह्मण समाज को हैरत इस बात की है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज खुद एक ब्राह्मण से दीक्षा लेने के बावजूद ब्राह्मण विरोधी फैसला कैसे ले सकते हैं।
मंडला के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अन्ना महाराज ने इसे एक विकृत राजनीति का हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि गुलामी के दौर में भी कभी किसी ने समाज और धर्म के विरुद्ध कोई फैसला नहीं किया। प्रदेश सरकार ने अपने इस फैसले से दो समाज को बांटने का काम किया है, जिसका खामियाजा ब्राह्मण बाहुल्य उत्तरप्रदेश के चुनाव में भाजपा को उठाना पड़ सकता है।