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हेमा मालिनी शहीद जवानों के परिजनों से मिली
मथुरा में भयानक कांड के बाद हेमा अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंची। इसके बाद उन्होंने घायल सिपाहियों और शहीद एसपी के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद वह जवाहर बाग जाने लगी। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। फिर हेमा को कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट में धरना देना था। लेकिन एक मिनट तक धरना स्थल पर रहने के बाद वह अपने होटल चली गईं। बताया जा रहा है कि गर्मी से परेशान होकर उन्होंने कार्यकर्ताओं को छोड़कर होटल वापस जाना ठीक समझा। लेकिन कुछ समय के बाद हेमा वापस होटल से धरनास्थल पर पहुंची।
मुझ पर निशाना क्यों साधा जा रहा है : हेमा मालिनी
उन्होंने कहा कि एक ‘ईमानदार’ व्यक्ति होने के नाते वह अपना काम कर रही हैं और लोग ‘मुख्य मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं। पुलिस और अतिक्रमणकर्ताओं के बीच गुरुवार को ख़ूनी हिंसा के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हमलावरों की गोलियों से दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत 24 लोगों की जान चली गई।
हेमा ने ट्वीट्स के जरिए कहा, “मथुरा में हूं। उन्होंने कहा मुझे समझ नहीं आता कि मीडिया को यह क्यों लगता है कि कानून और व्यवस्था के लिए संसद जिम्मेदार है। हेमा ने लिखा, “मथुरा का हर नागरिक मेरी ईमानदारी की गवाही देगा। मैं रहन-सहन की स्थिति में सुधार कर रही हूं। सड़कें और पीने का पानी मुहैया करा रहीं हूं। यह एक सांसद की जिम्मेदारी नहीं है कि वह पुलिस बल का नेतृत्व करें, विद्रोहियों का दमन करे या अतिक्रमण हटाए। मेरी जिम्मेदारी विकास करना है और मैं ईमानदारी से अपना काम कर रही हूं।”