![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh1TMVGshk6IaLOKCjpTyfYaltJtgrztM-lghQQAhuGef00BACqKO0cghHoos6KcgKhpwuHWY2cQ7Wjh9eBoPvYSHBQwi32qvJY7T3CvFWl7yZCQt8WJfnoSngfjEgbj5Cb3XqNUMHC987k/s450/IAS+logo.png)
सीधी भर्ती वाले अफसरों में शासन ने अब तक वर्ष 2009 बैच अफसरों को कलेक्टरी दे दी है। इस बैच के अधिकारी अविनाश लवानिया, सूफिया फारुकी वली और अजय गुप्ता को अभी एक बार भी कलेक्टर बनने का मौका नहीं मिला है। इसी बैच के जो अधिकारी वर्तमान में कलेक्टर हैं, उनमें प्रियंका दास, अभिषेक सिंह, प्रीति मैथिल, अमित तोमर, धनराजू एस., तरुण कुमार पिथोड़े, श्रीकांत बनोठ, तेजस्वी नायक के नाम शामिल हैं। इलैया राजा टी. इसी बैच के अधिकारी हैं जो एक बार कलेक्टर बन चुके हैं।
वैट एंड वॉच की स्थिति में प्रमोटी आईएएस
प्रदेश भर में इन दिनों सीधी भर्ती वाले अफसरों का जिलों में दबदबा है। इसके विपरीत प्रमोटी अफसरों को कलेक्टरी कम मिली है। सूत्रों का कहना है कि प्रमोटी अफसरों को अब चुनाव का समय आने का इंतजार है। सरकार चुनाव के समय प्रमोटी अफसरों को फील्ड में ज्यादा पदस्थापना देती है। इसे देखते हुए प्रमोटी अफसर एक साल तक इंतजार करके फिर दो से ढाई साल की कलेक्टरी करने के लिए प्रयास करने पर जोर दे रहे हैं।
2008 बैच के अफसर भी लगा रहे जोर
संभावित प्रशासनिक सर्जरी में वर्ष 2008 बैच के कई आईएएस अधिकारी जो एक बार कलेक्टर रह चुके हैं, वे फिर से कलेक्टरी पाने के लिए जोर आजमाईश कर रहे हैं। इनमें वी. किरण गोपाल, नंदकुमारम, शिल्पा गुप्ता, सुरभि गुप्ता के अलावा कृष्ण गोपाल तिवारी के नाम हैं।
ये भी कर रहे कवायद
कलेक्टर का पद पाने के लिए ऐसे प्रमोटी आईएएस भी जोर लगा रहे हैं जो पहले भी कलेक्टर रहे हैं, लेकिन किसी कंट्रोवर्सी के चलते उन्हें हटा दिया गया था, मधुकर आग्नेय, राजाभैया प्रजापति, आनंद शर्मा, आरके मिश्रा समेत कई ऐसे अधिकारी शामिल हैं, जो अपने प्रशासनिक और राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर फिर से कलेक्टरी चाहते हैं।
दो सालों में पदोन्नत हुए अफसर भी तैयार
कलेक्टरी के लिए वर्ष 2014 और 2015 में एसएएस व नान एसएएस से आईएएस पद पर प्रमोट होने वाले अफसरों को भी आने वाले समय का इंतजार है। वर्ष 2014 में आईएएस बने 20 अफसरों में से एक को भी अभी तक कलेक्टरी नहीं मिली है, जबकि इन्हें वरिष्ठता वर्ष 2006 व 2007 की मिली है। प्रशासनिक सर्जरी में इन अधिकारियों को भी मौका मिलना तय है।