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इन निर्णयों के बावजूद शासन के कुछ विभागों द्वारा न्यायालयों की अवमानना करते हुये पदोन्नति आदेश जारी किये गये है जिससे अधिकारियों/कर्मचारियों में पीडा व्याप्त है। इस संबंध में संस्था द्वारा शासन को पदोन्नति आदेश तत्काल वापस लिये जाने हेतु लिखा गया है। यदि शासन द्वारा न्यायालयों के निर्णय के अनुरूप कार्यवाही नहीं की जाती है तो सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अवमानना याचिका दायर की जावेगी।
शासन द्वारा अनारक्षित वर्ग से निरन्तर किये जा रहे भेदभाव पूर्ण व्यवहार के फलस्वरूप व्यापक जन-जागरूकता अब प्रदेश भर में दिखने लगी है। दिनांक 24.5.2016 को नीमच में सपाक्स द्वारा आयोजित रैली में व्यापक सामाजिक समर्थन प्राप्त हुआ था। आज दिनांक 3.6.2016 को भी इसी क्रम में दतिया जिले में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। आने वाले दिनों में प्रदेश के प्रत्येक जिले में पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में इस प्रकार की रैलियॉं आयोजित कर सामाजिक जन-जागरूकता की कार्यवाही संस्था द्वारा जारी रहेगी।