नईदिल्ली। ऐसा कतई नहीं है कि सेवानिवृत्ति के बाद किसी व्यक्ति के पेंशन में कटौती नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी पेंशन में कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अवकाशकालीन पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने पर अगर कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने की इजाजत दे दी जाती है तो संबंधित अथॉरिटी उस कर्मचारी के खिलाफ चल रही अनुशासनत्मक कार्रवाई पर कोई निर्णय नहीं ले सकता। हाईकोर्ट का मानना था कि सेवानिवृत्ति के बाद नियोक्ता-कर्मचारियों के बीच का संबंध खत्म हो जाता है।
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि सेवा प्रावधानों के मुताबिक, नौकरी करने के दौरान अगर कर्मचारी की वजह से वित्तीय नुकसान हुआ हो या अगर कर्मचारी कदाचार या कोताही में दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन पर रोक लगाई जा सकती है।
हां यह जरूर है कि विभागीय कार्यवाही उस कर्मचारी के नौकरी में रहते शुरू की गई है। अगर नौकरी में रहने के दौरान अगर विभागीय कार्यवाही न हुई हो तो कार्यवाही शुरू करने से पहले राज्यपाल से अनुमति लेना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने राज्य सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के निर्णय को गलत करार दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अगर सेवानिवृत्त होने से पहले अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जा चुकी हो तो सेवानिवृत्ति के बाद उसके खिलाफ आदेश पारित किया जा सकता है।