भोपाल। मध्यप्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों का ट्रांसफर करने के लिए बनाई गई उच्च शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट की वैकेशन बैंच ने राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग समेत अन्य सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ भोपाल के महासचिव आनंद शर्मा की ओर से ये याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने याचिकाकर्ता संघ की आपत्ति के बाद भी 5 मार्च 2016 को कॉलेजों के कर्मचारियों और टीचिंग स्टाफ के तबादलों को लेकर एक नई नीति बनाई है, जबकि नियमों के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग को तबादला नीति बनाने का अधिकारी ही नहीं है।
आरोप है कि नीति के बनने के बाद 14 मार्च 2016 को राज्य सरकार ने यह व्यवस्था दी है कि क्लास वन अधिकारियों द्वारा तबादलों के खिलाफ दिए जाने वाले आवेदनों का निराकरण मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही मुख्य सचिव करेंगे। आवेदक संघ का दावा है कि सामान्य प्रशासन विभाग के अनुमोदन के बिना उच्च शिक्षा विभाग अलग से अपने कर्मचारियों के लिए तबादला नीति नहीं बना सकता।
इन आधारों के साथ दायर याचिका में विवादित नीति को खारिज किए जाने की राहत चाही गई है। याचिका में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत तमाम पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने निर्देश दिए हैं।