कलेक्टर की मां मर गईं, जांच में सब निर्दोष

Bhopal Samachar
भोपाल। ये हाल है मप्र में चिकित्सा सेवाओं का। लापरवाही के कारण कलेक्टर की मां असमय मौत का शिकार हो गईं और जांच करने गई टीम ने सबको क्लीनचिट दे दी। कोई दोषी करार नहीं दिया गया। ये हाल यदि कलेक्टर के हैं, तो आम जनता मप्र शासन से न्याय की उम्मीद कैसे करे। 

लापरवाही के चलते दमोह कलेक्टर की मां की मौत के मामले में सोमवार को सुबह करीब 11 बजे स्वास्थ्य विभाग अस्पताल प्रशासन के उप संचालक डॉ. दुर्गेश गौर एवं राज्य स्व सहायक डॉ. महेंद्र जैन सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे। यहां इन्होंने 108 एंबुलेंस जिला प्रभारी की क्लास ली। इसके बाद सिविल सर्जन कक्ष में डॉक्टरों से पूछताछ की गई। फिर करीब दो घंटे सीएमएचओ से चर्चा हुई। इसके बाद जिला अस्पताल का औपचारिक निरीक्षण किया। टीम ने छह घंटे पड़ताल की। बाद में कहा कि गलती किसी की नहीं है। एंबुलेंस के वेंटीलेटर का बैटरी इन्वर्टर खराब था। अब जांच पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 

गौरतलब है कि 10 जून को कलेक्टर डॉ. शर्मा की मां शांतिदेवी को सीने में दर्द उठने पर गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया जहां अव्यवस्थाओं के चलते समय पर 108 एंबुलेंस वाहन नहीं मिला था। वेंटीलेटर युक्त एंबुलेंस वाहन सागर से मंगवाना पड़ा था। करीब ढाई घंटे बाद वाहन आने पर जिला अस्पताल से उन्हें जबलपुर रैफर किया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। 

अब ये सवाल 
एंबुलेंस का इंवर्टर ठीक है या नहीं यह चैक करने की जिम्मेदारी किसी की होती है या नहीं ? इंवर्टर खराब था तो क्या यह मामूली लापरवाही मानी जानी चाहिए ? 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!