एलईडी बल्ब के बाद अब डाकघरों से मोबाइल फोन भी बिकेंगे

भोपाल। सरकार ने डाकघरों को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। डाकघरों के कर्मचारी भी तमाम प्रयोगों को फेल करने में जुटे हुए हैं। डाकघरों के माध्यम से मोबाइल बेचने की योजना को 1 साल हो गए, पूरी राजधानी में सिर्फ 5 मोबाइल फोन बेचे जा सके। उन्हे 10 मोबाइल का टारगेट दिया गया था। 

कब शुरू हुई योजना
डाक विभाग को केंद्र सरकार की ओर से पेन्टा कंपनी का मोबाइल फोन (दो सिम वाला) बेचने के निर्देश गत वर्ष 2015 में मिले थे। उक्त कंपनी के फोन की कीमत 1999 रुपए निर्धारित की गई है। इसमें एक वर्ष की वारंटी भी डाकघर दे रहा है। मोबाइल में एक सिम बीएसएनएल की लगाना अनिवार्य रहेगा।  बीएसएनएल सिम क्यों? ग्राहक इस पेंटा कंपनी का फोन लेने आकर्षित हों इसके लिए विभाग ने एक गाइड लाइन तय की है। मोबाइल में बीएसएनएल की सिम इसलिए जरूरी की गई है, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को बीएसएनएल से बीएसएनएल पर हर माह 100 मिनट फ्री कॉलिंग की सुविधा मिलेगी। योजना का लाभ 20 माह तक उपभोक्ता उठा सकेगा।

कैसे पहुंचेंगे ग्राहक
संचार क्रांति के इस युग में लगभग 90 प्रतिशत युवाओं व अन्य उपभोक्ताओं के पास एंड्राइड मोबाइल फोन है, जिसमें इंटरनेट, दो कैमरे सहित वाट्सअप की सुविधा भी मिलती है। बाजार में ऐसे मोबाइलों की कीमत 4 हजार से शुरू होती है। एंड्राइड फोन पुराने 2500 से 3500 हजार में आसानी से कुछ घंटे चले हुए मिल जाते हैं। वैरायटियां भी ग्राहकों की पसंद के हिसाब से है। ऐसे में डाकविभाग के मोबाइल कौन खरीदेगा।

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