चीन सागर टकराव का केंद्र बना

राकेश दुबे@प्रतिदिन। इन दिनों भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास जापान के पास पश्चिमी प्रशांत सागर में किया जा रहा है, जिसमें अमेरिकी विमानवाहक जहाज जॉन सी स्टेनिस भाग ले रहा है। जॉन सी स्टेनिस के कमांडर का कहना है कि एक चीनी जासूसी जहाज ने उनका पीछा किया। उनके मुताबिक, चीनी जहाज दक्षिण चीन सागर से उनके पीछे आया और आठ-दस मील की दूरी पर बना रहा। चीन का कहना है कि वह अपने कानूनी अधिकार और नौवहन की स्वतंत्रता के तहत काम कर रहा है। दक्षिण चीन सागर एक तरफ से चीन और बाकी तरफ से वियतनाम, ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, जापान वगैरह देशों से घिरा हुआ है। यह अपेक्षाकृत छोटा समुद्र पश्चिमी प्रशांत सागर की ओर खुलता है और यह चीन के लिए पश्चिमी प्रशांत की ओर जाने का रास्ता है। चीन दक्षिणी प्रशांत सागर को अपना प्रभाव क्षेत्र मानता है और इलाके के सारे देशों से समुद्री अधिकार क्षेत्र को लेकर उसका झगड़ा है।

झगडे़ की वजह सामरिक और व्यापारिक वर्चस्व के अलावा यह भी है कि इस क्षेत्र में तेल के भारी भंडार होने की संभावना है। चीन इस क्षेत्र में सबसे ताकतवर देश है, इसलिए बाकी देश उसकी महत्वाकांक्षा से डरे हुए हैं। इन देशों का कहना है कि इस क्षेत्र में और इसमें मौजूद तमाम द्वीपों पर चीन अपना हक जता रहा है और कुछ कृत्रिम द्वीप भी बना रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय संधियों और कानूनों का उल्लंघन है। चीन का कहना है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा कर रहा है। चीन की महत्वाकांक्षा को नियंत्रित करने के लिए तमाम आसियान देश साझा रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे है। इसी बीच चीन और आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक भी हुई, जिसमें दक्षिण चीन सागर को लेकर विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन के बाद एक साझा बयान जारी किया गया, जिसमें चीन का नाम लिए बगैर इस क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने की उसकी प्रवृत्ति की आलोचना की गई थी, लेकिन कुछ ही देर बाद यह बयान वापस ले लिया गया और कहा गया कि सभी विदेश मंत्री अपना-अपना बयान जारी करेंगे। जापान और चीन के बीच भी समुद्री सीमा को लेकर विवाद है।

पूर्वी चीन सागर में जापान के पास कई छोटे-छोटे द्वीप हैं, जिन्हें जापान चीन के खिलाफ अपनी रक्षा पंक्ति की तरह इस्तेमाल करता है और उन पर उसने रडार व अन्य यंत्र लगा रखे हैं। चीन इन द्वीपों पर भी अपना दावा जताता है। उसका मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र के तमाम लोकतांत्रिक देश मिलकर जो कोशिश कर रहे हैं, उसमें भारत भी उनके साथ है। चीन का विवाद वियतनाम के साथ भी है और भारत जहां दक्षिण चीन सागर में तेल की खोज के लिए वियतनाम की मदद कर रहा है, वहीं उससे ब्रह्मोस मिसाइल बेचने का एक समझौता भी किया है। इसी रणनीति का हिस्सा अमेरिका, भारत और जापान का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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