भोपाल। छिंदवाड़ा सांसद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को पंजाब इकाई का प्रभारी बनाए जाने की खबर के बाद पंजाब की सियासत में बवाल मच गया है। अकाली दल और आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर टूट पड़े हैं।
शिरोमणि अकाली दल के मुखिया और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने बयान में कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाकर कांग्रेस ने सिख समुदाय को आहत किया है और उनके दर्द को ताजा कर दिया है। अकाली दल ने राहुल गांधी पर अपने परिवार की सिख विरोधी नीति पर चलने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी के पंजाब संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर ने कहा है कि अब तक सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है और ऐसे में कांग्रेस ने कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाकर सिखों की भावनाओं को चोट पहचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता आगामी चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी।
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 1984 के 'सिख नरसंहार' के आरोपी रहे कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाकर कांग्रेस ने 'जले पर नमक' छिड़कने का काम किया है।
रविवार को एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने इस पर प्रतिक्रिया में कहा- मैं इस सदमे से उबर नहीं पा रहा हूं। कम से कम उन्होंने राज्य के किसी नेता से विचार-विमर्श तो किया होता। कांग्रेसी इस आलाकमान की ‘भयंकर राजनीतिक भूल’ बता रहे हैं। हालांकि, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह कमलनाथ को क्लीन चिट दे चुके हैं। उनका कहना है कि कमलनाथ का दंगों में कोई रोल नहीं था।