
जानकारी के मुताबिक, आरक्षक अविनाश थाटे को एक महीने पहले ही अपने पिता के बदले अनुकंपा नौकरी मिली थी। आरक्षक के परिजनों का कहना है कि अविनाश को पथरी थी। इस वजह से उसकी कई दिनों से तबियत खराब चल रही थी।
उन्होंने बताया कि अविनाश ने छुट्टी के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। लिहाजा आरक्षक लगातार ड्यूटी करता रहा और जब वो ड्यूटी करके वापस लौटा तो उसे तेज घबराहट होने लगी। घबराकर परिजन उसे तुरंत अस्तपाल ले गए, लेकिन अविनाश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
परिजन आरक्षक की मौत के लिए सीधे तौर पर अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं इस मामले में खंडवा एडिशनल एसपी गोपाल खांडेल अविनाश की ओर से किसी भी तरह के छुट्टी के आवेदन मिलने की बात से इनकार कर रहे हैं।