
इसी कारण मुरली मनोहर जोशी ने हाल ही में पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा और संघ के कद्दावर नेताओं से मुलाकात की थी। यही नहीं खबर के मुताबिक जोशी ने बीते 22 मई को पीएम आवास पर मोदी के साथ रात्रिभोज किया था और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव और इससे जुड़े कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था।
मोदी से मिलने के बाद जोशी ने इसी महीने की शुरूआत में मोहन भागवत से नागपुर में मुलाकात की थी। उनकी और भागवत की मीटिंग काफी लंबी चली थी। उसके बाद से जोशी लगातार बीजेपी और संघ के नेताओं से मिल रहे हैं। का जा रहा है कि जोशी की छवि एक कट्टर हिंदू लेकिन प्रोग्रेसिव नेता की रही है लेकिन मोदी राज के आने के बाद ऐसा लगा कि उनकी उपेक्षा की जा रही है लेकिन ऐसा नही हैं।
सूत्र दावा करते हैं कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के आपसी विचार विमर्श के बाद ही ये कदम उठाया जा रहा है और देश की सर्वोच्च पोस्ट पर जोशी को बिठाकर सम्मान देने की कोशिश हो रही है। बीजेपी और संघ का पूरा प्रयास है कि देश की दोनों पोस्ट (राष्ट्रपति और पीएम) भगवा नेता ही बैठे जिससे देश के लिए अहम फैसले लेने में कोई दिक्कत ना हो।