भोपाल। पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को जारी रखने की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित चार मंत्रियों को सामान्य जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने वकील के जरिए अवमानना का नोटिस दिया है।
इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को असंवैधानिक करार दे चुका है। जबकि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त भी नहीं किया है। हाईकोर्ट में पदोन्न्ति में आरक्षण नियम के खिलाफ याचिका लगाने वाले अरुण द्विवेदी और तुलसीराम चिड़ार की ओर से भेजे नोटिस में कहा गया कि अजाक्स के कार्यक्रम में जाकर मुख्यमंत्री ने जिस तरह से पदोन्न्ति में आरक्षण का पक्ष लिया, वो न्याय संगत नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर सिर्फ यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। 23 सिंतबर को इस मामले में सुनवाई होनी है।
इसके पहले ही मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा करना कि पदोन्न्ति में आरक्षण के लिए सरकार नए नियम बनाएगी, अवमानना की श्रेणी में आता है। पदोन्न्ति में आरक्षण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष अशोक शर्मा ने भी बताया कि संगठन की ओर से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी हो गई है। सभी कर्मचारी संगठन इस मामले में साथ हैं।
19 जून को भोपाल के माता मंदिर से सात नंबर बस स्टॉप तक रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। वहीं, सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक संयुक्त मोर्चा के अशोक पाण्डेय की अगुवाई में कर्मचारियों ने पदोन्न्ति में आरक्षण के समर्थन में आए बयान को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।