
इस पूरे विवाद से महापौर गुट और बाकी पार्षदों ने दूरी बना ली है। रेडिसन चौराहे पर सर्विस रोड बंद किए जाने को लेकर उठा विवाद पार्टी फोरम तक पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह पलासिया स्थित तीन नंबर बंगले विधायक रमेश मेंदोला के नेतृत्व में दो नंबर के भाजपा पार्षदों की बैठक हुई। इसमें विजयवर्गीय गुट से जुड़े रहे अन्य विधानसभाओं के भी कुछ पार्षद शामिल हुए। सभी मिलकर दोपहर को पार्टी कार्यालय पहुंचे।
लगभग घंटेभर बंद कमरे में चली बैठक में विधायक और पार्षदों ने खुले तौर पर कहा कि ढाई साल से निगम में अफसरों की मनमानी चल रही है। वे लगातार दो नंबर के पार्षदों को टारगेट कर रहे हैं। अनुशासन के नाम पर हम ढाई साल से चुप हैं लेकिन अब नहीं रहेंगे। यदि सराकर को अफसरों से ही नगर निगम चलवाना है तो हम सभी पार्षद एक साथ इस्तीफा दे देंगे। यह इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को नहीं बल्कि संभागायुक्त को देंगे। ताकि वापसी की कोई गुंजाइश न बचे और दोबारा चुनाव करवा लिए जाएं।
ये आरोप लगाए :
रेडिसन चौराहे की सर्विस रोड मास्टर प्लान में सड़क के लिए तय है। होटल संचालक इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। कॉलोनियों के रहवासियों की परेशानी, पार्षद की मंजूरी को दरकिनार होटल को फायदा पहुंचा रहे हैं। जिसने पीटा वो तो मिला ही नहीं और तीन दिन से बीमार महिला पार्षद को गिरफ्तार कर लिया गया। निगम कर्मियों ने रैली निकाली, बगैर अनुमति के एमजीरोड पर जुलूस निकाल दिया। तब कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
ये थे....पार्षद....
विधानसभा दो के विधायक रमेश मेंदोला 25 भाजपा पार्षदों को लेकर भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा के सामने पार्षद सरोज चौहान पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग रखी। स वापस न होने पर कुछ पार्षदों ने इस्तीफे की चेतावनी भी दे डाली, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। इस दौरान विधानसभा-2 के पार्षद और एमआईसी मेंबर राजेंद्र राठौड़, चंदूराव शिंदे, सूरज कैरो, मुन्न्ालाल यादव, शंकुतला गुर्जर, पूजा पाटीदार, भूपेंद्र चौहान, राजकपूर सुनहरे, महेंद्र चौधरी, भरत देशमुख, सुधीर कोल्हे, नंदाबाई गावड़े, सीमा वीरांग, रूपेश देवलिया, रामदास गर्ग आदि मौजूद थे।
निगम के अधिकारी के साथ मारपीट निंदनीय है। जिसने भी यह किया। उसे कड़ी सजा मिलना चाहिए लेकिन बगैर जांच के महिला पार्षद सहित 200 लोगों को आरोपी बनाकर पार्षद को गिरफ्तार करना सही नहीं है।
रमेश मेंदोला, विधायक