जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए ग्राम पंचायत क्षेत्र के किसानों को सूखा राहतराशि वितरण में भेदभाव के रवैय को कठघरे में रखा गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग श्रीवास्तव की युगलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेकर राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी करके जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान जनहित याचिकाकर्ता रीवा निवासी कृषक त्रिवेणी प्रसाद का पक्ष अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने रखा। उन्होंने दलील दी कि ग्राम पंचायत डौंडो जवा रीवा के सूखा प्रभावित किसानों के साथ अन्याय हुआ है। जनपद पंचायत के कई किसानों को राहत राशि दे दी गई, लेकिन यहां के वास्तविक पीड़ित वंचित हैं। इसे लेकर आवेदन-निवेदन के बावजूद कोई असर न होने पर न्यायहित में हाईकोर्ट आना पड़ा।