भोपाल। आयकर विभाग ने मप्र के प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विकास विभाग मलय श्रीवास्तव पर डेढ़ करोड़ की टैक्स रिकवरी निकाली है। आयकर विभाग का कहना है कि उन्होंने इंदौर शहर के सीवेज प्रोजेक्ट देने के बदले 2 करोड़ 21 लाख रुपए का लाभ लिया। इसलिए डेढ़ करोड़ रुपए टैक्स जमा कराएं, लेकिन सवाल यह है कि यह तो काली कमाई का मामला है। मप्र शासन इस मामले में क्या कर रहा है।
वरिष्ठ आईएएस अफसर श्रीवास्तव पर इंदौर शहर के सीवेज प्रोजेक्ट देने के बदले 2 करोड़ 21 लाख रुपए का लाभ लेने का आरोप है। इस मामले में विभाग को मुकेश शर्मा नामक लाइजनिंग एजेंट के यहां 21 जुलाई 2008 को छापामारी के दौरान ऐसे दस्तावेज जब्त हुए थे, जिनमें इसका जिक्र था। इसी आधार पर आयकर ने श्रीवास्तव को नोटिस भेजकर 2009-10 का हिसाब-किताब तलब किया था।
विभाग की कार्रवाई पर आपत्ति लेते हुए श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। मामले में विभाग ने पिछले सप्ताह श्रीवास्तव से असेसमेंट के संदर्भ में पूछताछ भी की थी। इस डिमांड ऑर्डर के खिलाफ श्रीवास्तव के पास 30 दिन के भीतर अपील करने का विकल्प भी है।
अपील में जाऊंगा
मुझे लगता है आयकर विभाग को कोई भ्रम है, क्योंकि तब मैं उस पद पर नहीं था। डिमांड ऑर्डर के खिलाफ विभाग में अपील करूंगा।
मलय श्रीवास्तव,
प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विकास विभाग