जबलपुर। सिविक सेंटर स्थित समदड़िया मॉल का भविष्य क्या होगा। मॉल पर समदड़िया का मालिकाना होगा या जबलपुर विकास प्राधिकरण का। इस बात का फैसला न्यायालय से होगा, लेकिन अभिमत लिफाफे में कैद हो चुका है। न्यायालय के फैसले में लिफाफे में दर्ज इबारत अहम होगी। बुधवार को करीब तीन घंटे से ज्यादा बोर्ड सदस्यों ने समदड़िया मॉल के मामले में चर्चा कर अपने सुझाव दर्ज किए।
न्यायालय के निर्देश पर जेडीए के पूर्व सीईओ अवध श्रोत्रिय की रिपोर्ट पर बीओडी में निर्णय होना है। इसके पूर्व जेडीए ने मॉल के वर्तमान मालिक अजीत समदड़िया और शिकायतकर्ता का पक्ष सुना। दोनों से आरोप और बचाव में दस्तावेज लिए। हर बात को कैमरे में कैद किया गया।
इसके पश्चात प्राधिकार के बोर्ड मेम्बरों की बैठक बुलाई गई। मॉल से जुड़े मसले की संवेदनशीलता को भांपते हुए जेडीए ने बैठक फुलप्रूफ की। सदस्यों के अलावा कमरे में किसी भी कर्मचारी को प्रवेश नहीं दिया गया। हर सदस्य को पूरी गोपनीयता बरतने के निर्देश दिए गए। अधिकारिक तौर पर जेडीए प्रशासन ने कहा कि सदस्यों ने अभिमत दिया है। जिसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।