शांति समझौते का एतिहासिक चित्र |
नईदिल्ली। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारत सरकार ने नागालेंड के लिए अलग से पासपोर्ट एवं झंडा स्थापित करने का समझौता किया है। इस संदर्भ में नागालेण्ड के गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि यह खबर पूरी तरह से असत्य है एवं अफवाह है।
याद दिला दें कि 3 अगस्त 2015 को पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एनएससीएन यानी नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। प्रधानमंत्री के आवास पर रक्षामंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मौजूदगी में इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
खुद प्रधानमंत्री ने समझौते से ठीक पहले एक ट्वीट कर देश को जानकारी दी थी कि देश के लिए एक महत्वपूर्ण और मील का पत्थर साबित होने वाली घटना होने जा रही है। पीएम के इस ट्वीट से पूरे देश में हलचल मच गई थी। सब कयास लगाने लगे कि आखिर पीएम मोदी कौन सी खास घोषणा करने वाले हैं। तभी से यह शांति समझौता चर्चा में यदा कदा बना रहता है।