भोपाल। प्रधानमंत्री मोदी को 'राजीव गांधी आत्महत्या योजना' शुरू करने की सलाह देने वाली रतलाम की तहसीलदार अमिता सिंह को हटा दिया गया है। उन्हें राजगढ़ भेजा गया है। बुधवार शाम शासन ने आदेश जारी किया और तत्काल ही रिलीव भी कर दिया गया। उन्हे मिले नोटिस में अमिता ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की थी। दलील दी थी कि फेसबुक कोई सार्वजनिक मंच नहीं है।
क्या है पूरा मामला
रतलाम जिले की तहसीलदार अमिता सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था, 'प्रधानमंत्री अफगानिस्तान गए तो वहां के मुसलमानों ने भारत के झंडे लेकर सड़क पर 'वंदे मातरम और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। इसलिए प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि वे 'राजीव गांधी आत्महत्या योजना' शुरू करें ताकि छद्म धर्मनिरपेक्ष और कांग्रेसी विचार वाले लोग यह खबर सुनकर आत्महत्या कर सकें।'
तहसीलदार सिंह के इस पोस्ट का सोशल मीडिया पर जब विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने इसे हटा दिया लेकिन बयान में कहा कि लोगों को आपत्ति थी इसलिए हटा दिया। उन्होंने इसके लिए माफी नहीं मांगी थी। शासन अमिता सिंह को नोटिस भेजते हुए मामले में जवाब तलब किया। जिस पर अमिता सिंह ने जवाब देते हुए लिखा कि एफबी पर दोस्तों के बीच बात शेयर करना गुनाह नहीं है।
ये था अमिता सिंह का जवाब
अमिता सिंह ने नोटिस मिलने के बाद प्रभारी कलेक्टर को अपना जवाब भेजा था। उन्होंने अपना बचाव करते हुए जवाब में लिखा कि, फेसबुक कोई सार्वजनिक मंच नहीं है, उसमें दोस्तों के बीच अपनी बातें शेयर की जाती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का मैं बहुत सम्मान करती हूं और मैंने किसी तरह की दुर्भावनावश उनके प्रति टिप्पणी नहीं की है।
अमिता सिंह ने लिखा, सोशल मीडिया दोस्तों के बीच बना एक मंच है। दोस्तों के बीच किसी तरह की बात शेयर करना गुनाह नहीं है। मैंने इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया में कहीं कोई विवादास्पद सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।