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आरएसएस की ये इफ्तार पार्टी 2 जुलाई को हो रही है, 40 मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। आरएसएस ने दो दिन पहले अब्दुल बासित को फोन करके इफ्तार पार्टी में आने से मना कर दिया। मुस्लिम मंच पंपोर हमले पर बासित के बयानों से नाराज हुआ है। आरएएस का सहयोगी संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस इफ्तार पार्टी का आयोजन करेगा।
कवायद पुरानी, पैमाना बड़ा
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच हालांकि पहले भी इफ्तार देता रहा है, लेकिन इस बार यह आयोजन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसने अपने सदस्यों को देशभर में छोटी-छोटी इफ्तार पार्टी देने के लिए भी कहा है। इन पार्टियों में सभी समुदाय के लोगों को आमंत्रित करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले, आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा था, “हमारा लक्ष्य इसके जरिये दुनिया को भारतीयता का संदेश देना है। सभी समुदाय के लोगों को आपस में सद्भाव और भाईचारे से रहने में मदद करना है। उनका कहना है कि दुनियाभर के मुसलमानों के लिए भारत उम्मीद की किरण है।
इंद्रेश कुमार ने माइनॉरिटीज से अपील करते हुए कहा, ‘‘परोपकार की शुरुआत घर से होती है। सभी को इस देश को दंगा मुक्त बनाने और भारत सहित विश्व को आतंकवाद और हिंसा से मुक्त बनाने में मदद करने के लिए सौहार्दपूर्ण तरीके से रहना चाहिए।’’ आरएसएस के इस कदम को अपनी ‘मुस्लिम विरोधी’ इमेज बदलने की कोशिश माना जा रहा है।