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बाबा के सहयोगी बालकृष्ण जमीन की तलाश में इंदौर पहुंचे थे। एकेवीएन ने पसंदीदा जमीन मुहैया कराने के लिए प्लॉटों का संयुक्तीकरण कर जुगाड़ की। कंपनी के लिए पीथमपुर के सेक्टर तीन में प्राइम लोकेशन पर तीन प्लॉटों को जोड़कर करीब 40 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। इस पर सरकार की ओर से 10 करोड़ की छूट देकर 28 करोड़ रुपए मूल्य तय किया गया है। जमीन तय होने के बाद इसका हस्तांतरण और करार नहीं हो सका है। पतंजलि ने सरकार से उद्योग के लिए आने वाले कच्चे माल पर एंट्री टैक्स में 10 साल के लिए छूट मांगी है।
तुर्रा देखिए कि नियमानुसार ना होने के बावजूद बाबा रामदेव की कंपनी यह छूट चाहती है। अधिकारियों की समस्या यह है कि यदि उन्हें छूट दे दी तो बाकी उद्योग भी मांगेगे। ऐसे में तो पूरी पॉलिसी ही बदल जाएगी।