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पूर्वांचल के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के आने और कौमी एकता दल के सपा में विलय से नाखुश अखिलेश ने मीडिएटर मंत्री बलराम सिंह यादव को पद से बर्खास्त कर दिया। बताया जाता है कि इसके लिए उन्होंने मुलायम सिंह से न तो पूछा और न ही कार्रवाई के बाद बताया। जबकि उस वक्त मुलायम सिंह राजधानी लखनऊ में ही मौजूद थे। बर्खास्त किए गए मंत्री उनके करीबी भी माने जाते हैं।
पार्टी के फैसले के कुछ ही घंटे बाद सरकार की ताकत दिखाने के साथ ही उन्होंने अपने परिवार, खासकर पिता मुलायम सिंह को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है। सिर पर आए यूपी विधानसभा चुनाव के बीच अखिलेश ने एक बार फिर खुद के स्तर पर फैसले लेकर जताने की कोशिश की है कि अब वह बड़े हो गए हैं।
स्वभाव से सौम्य माने जाने वाले अखिलेश यादव ने इससे पहले भी कुछ मौकों पर पार्टी और परिवार को यह स्पष्ट संकेत देने की कोशिश की थी। इसके लिए उन्होंने न सिर्फ कड़े कदम उठाए, बल्कि सख्त बयान भी दिए हैं।