मुंबई। बैंक लोन केस में आरोपी विजय माल्या को मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। माल्या पर बैंकों के 9 हजार करोड़ ना लौटाने का आरोप है। विजय माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत के सामने याचिका लगाते हुए माल्या को भगोड़ा घोषित करने की मांग की थी।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने अदालत से आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत एक आदेश जारी करने का आग्रह किया था। मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) सहित माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं।
माल्या के खिलाफ चेक बाउंस जैसे मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं और मनी लांड्रिंग मामले में भी वह वांछित हैं। एजेंसी ने अदालत को अपनी जांच की स्थिति की जानकारी दी और जांच में माल्या के शामिल होने की जरूरत बताई। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने मनी लांड्रिंग विरोधी अदालत से संपर्क साधा था जहां से माल्या के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था।
कौन होता है भगोड़ा घोषित
आपराधिक मामले में जिस आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है वह वारंट तामील नहीं होने देने के लिए भागा हुआ हो या छिप रहा हो। इस तथ्य पर अदालत के भरोसा कर लेने पर आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जाता है। सीआरपीसी की धारा 82 के तहत अदालत एक लिखित घोषणा जारी कर सकती है। इसमें आरोपी को बताई गई जगह और समय पर 30 दिनों के भीतर हाजिर होने के लिए कहा जाता है।