भोपाल। राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की मांगे नहीं मानी तो आने वाले एक माह तक सभी करीब 23 हजार ग्राम पंचायतों के सरपंच सरकारी कामकाज ठप कर देंगे। वे अधिकारियों से संपर्क करेंगे और न ही योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे। सरपंच सांसद और विधायकों के किसी भी कार्यक्रम में भी नहीं जायेंगे। यह निर्णय भोपाल में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संगठन की आयोजित बैठक में लिया गया है।
बैठक में 22 जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष सहित करीब एक हजार पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए। ठेगड़ी भवन में आयोजित बैठक के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष देवास कुं. नरेन्द्र सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि हम सरकार से पंचायतीराज अधिनियम 1993-94 को प्रभावी बनाने की मांग कर रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष सिंह के इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में संगठन के संयोजक डीपी धाकड़ ने कहा कि हम पिछले कई साल अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, भोपाल के जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर सहित कई जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष शामिल हुए।