भोपाल। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये शासकीय शालाओं, प्राथमिक, मिडिल, हाई और हायर सेकेण्डरी की जीआईएस मेपिंग की जा रही है। अब तक 51 जिले में एक लाख 21 हजार शाला की मेपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।
जीआईएस मेपिंग के माध्यम से शासकीय शालाओं में शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के तहत मानकों जैसे शाला भवन, उपलब्ध कक्ष, प्रधानाध्यापक कक्ष, रेम्प, शौचालय बालिका, शौचालय बालक, पीने का पानी, किचिन शेड, खेल का मैदान, बाउण्ड्री-वॉल, साइंस लेब, लायब्रेरी एवं अन्य अधोसंरचना के फोटोग्राफ और जानकारी एजुकेशन पोर्टल सर्वर पर अपलोड किये जा रहे हैं। यह एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध मॉड्यूल के डाटा से स्वत: ही लिंक हो जाते हैं। समस्त शालाओं की अधोसंरचना को गूगल मेप पर जीआईएस मॉड्यूल में देखा जा सकता है।
देशभर में मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने शाला में उपलब्ध अधोसंरचना की जीआईएस मेपिंग का कार्य किया है। स्कूल शिक्षा विभाग की जीआईएस मेपिंग की उपयोगिता को राष्ट्रीय-स्तर पर भी सराहा गया है।