
शौचालय घोटाले का पता तब चला जब स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वेब पोर्टल में शौचालय निर्माण से सम्बंधित जानकारी अपडेट करना थी। वो भी हितग्राही के फोटो के साथ। इस मामले में सर्वे दल जांच करने निकला तो ये चौंकाने वाला मामला सामने आया।
अब इस मामले में बवाल मच गया है। अधिकारी खुद को बचाने की जुगत लगा रहे हैं तो नेता अपने आपको। घोटाला किसके सर ढोल दिया जाए, विचार किया जा रहा है। फिलहाल इस मामले में सबकुछ शांत है। उम्मीद है कल से बयानबाजी शुरू होगी। बताते चलें कि श्री मुकेश टण्डन से पहले भी नगरपालिका में भाजपा का ही राज था। अपने नौकर से अपवित्र रिश्तों का आरोप झेल रहे पूर्ववित्त मंत्री राघवजी की सुपुत्री ज्योति शाह अध्यक्ष हुआ करती थीं।