श्रीनगर। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद प्रदर्शन कर रहे नागरिकों में आतंकी भी शामिल हो गए। उन्होंने पुलिस और सुरक्षाबलों को टारगेट करते हुए ग्रेनेड फेंके और फायरिंग की। इस हमले में 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। कुल घायलों की संख्या 400 हो गई है, जबकि मृतकों का आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है। पुलिस अभी भी लाठीचार्ज और आंसूगैस तक ही सीमित है।
अनंतनाग, कुलगाम, सोपोर, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा समेत राज्य के कई इलाकों में पुलिस को आंसू गैस, लाठीचार्ज, पैलेट गन और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। श्रीनगर के कई हिस्सों में पुलिस और उपद्रवियों के बीच हिंसक झड़पें हुई। रविवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों की आड़ में आतंकियों ने भी सुरक्षाबलों पर हमले किए। ऐसे ही एक हमले में एसपी शोपियां बाल-बाल बच गए। उनके वाहन पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंकने के अलावा गोलियां भी चलाई।
सुरक्षा बलों और पुलिस को आतंकी बना रहे निशाना
पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर ग्रेनेड हमला किया। इसमें पांच जवान जख्मी हुए। आतंकियों ने उतरस्सु पुलिस चौकी पर भी हमला किया। जबकि, एक अन्य घटना में शनिवार की रात पुलिवामा जिले के त्राल सेक्टर में आतंकियों ने एक हेड कांस्टेबल को उनके आवास में ही दोनों पैर में गोली मार दी। राज्य के शिक्षामंत्री नईम अख्तरन कहा कि शनिवार को दम्हाल हांजीपोरा पुलिस थाने पर भीड़ ने जो हमला किया था उसे बाद गायब हुए तीन पुलिसवालों का अब तक कोई भी पता नहीं चल पाया है।
पुलवामा जिले के त्राल इलाके में शनिवार की रात आतंकियों ने पुलिस के हेड कांस्टेबल को दोनों पैरों में गोली मार दी। उधर, उपद्रवियों ने सोईबुग-बड़गाम, लस्सीपोरा और पुलवामा में दो पुलिस चौकियों, बिजबिहाड़ा स्टेशन पर आरपीएफ की बैरक और जीआरपी के गार्ड रूम को आग के हवाले कर दिया।
नज़रबंद रहे अलगाववादी
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, शब्बीर शाह, हिलाल वार, अशरफ सहराई, नईम खान समेत प्रमुख अलगाववादियों को प्रशासन ने रविवार को भी घरों में नजरबंद रखा। जेकेएलएफ के चेयरमैन यासीन मलिक पुलिस हवालात में बंद रहे।