नई दिल्ली। यूं तो हर रोज भाजपा किसी ना किसी नेता को निष्कासित करती रहती है परंतु वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी को निष्कासित करके भाजपा बुरी फंस गई है। जेठमलानी ने अपने निष्कासन को न्यायालय में चुनौती दी है। इस मामले में भाजपा ने गवाही के लिए अपने एक सांसद को नियत तारीख पर नहीं भेजा तो कोर्ट ने भाजपा पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोक दिया।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विनीता गोयल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तब 25,000 रुपये जमा करने को कहा, जब उसके सांसद भूपेंद्र यादव बचाव पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश नहीं हुए। न्यायालय जेठमलानी द्वारा भाजपा से अपने निष्कासन के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
जेठमलानी ने की थी बीजेपी की आलोचना
जेठमलानी के वकील आशीष दीक्षित ने मई 2013 में अपने मुवक्किल को पार्टी से निकाले जाने के भाजपा के निर्णय को चुनौती दी है। जेठमलानी ने भाजपा नेतृत्व की खुलेआम आलोचना की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
17 अगस्त को अगली सुनवाई
पार्टी ने अपना बचाव करने के लिए न्यायालय से अधिक समय की मांग की। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है।