
जानकारी के मुताबिक, भिंड के गोहद में पदस्थ प्राचार्य हरविलास कठोडिया ने काम के एवज में पांच हजार की रिश्वत मांगी थी। फरियादी ने प्रिंसिपल को रिश्वत देने की जगह इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की तस्दीक करने के बाद उसे सही पाया। जिसके बाद हरविलाश कठोडिया को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई।
योजना के मुताबिक, फरियादी रिश्वत के 5 हजार रुपए लेकर प्रिंसिपल के पास पहुंचा। हरविलाश ने जैसे ही रिश्वत की राशि हाथ में ली, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को विशेष न्यायधीश योगेश गुप्ता की कोर्ट ने सजा सुनाते हुए प्राचार्य हरविलाश कठोडिया को तीन साल की सजा सुनाई है।