नईदिल्ली। केंद्र सरकार के पास बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के विज्ञापनों की विज्ञापन संहिता के उल्लंघन की 33 शिकायतें पहुंची हैं। इनमें 25 विज्ञापनों में पाया गया है कि पिछले एक साल में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने विज्ञापन संहिता का उल्लंघन किया है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया अप्रैल 2015 से जुलाई 2016 के बीच उपभोक्ता मामालों के विभाग में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के टीवी और प्रिंट में आने वाले विज्ञापनों के खिलाफ ये शिकायतें आई हैं।
विभाग ने इन विज्ञापनों में पाया कि 17 विज्ञापनों की सामग्री ने ऐड्वर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) के सेल्फ रिग्यूलेश का उल्लंघन किया है। आठ में से छह शिकायतों में विज्ञापनों में प्रॉडक्ट की पैकेजिंग कम्युनिकेशन का उल्लंघन माना गया है। जबकि टीवी से संबंधित चार विज्ञापन की शिकायतों में से दो (एएससीआई) की संहिता का उल्लंघन माना गया है।
दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया
उपभोक्ता मामालों के विभाग का (गामा) पार्टल भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत के लिए बनाया गया है और (एएससीआई) को इन शिकायतों से निपटने का कार्य सौंपा गया है।
अगर कोई विज्ञापनदाता ऐड्वर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता तो उसे उचित कार्रवाई के लिए फूड सेफ्टी एंड सैटेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के विभाग में निर्दिष्ट किया जाता है।