भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ मजदूर नेता श्री गिरिराज किशोर ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर किये जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आजादी के बाद मूल वेतन 35 रूपये था। लेकिन केन्द्र सरकार ने इसे क्रमशः बढ़ाकर श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने मूल वेतन को 18000 रू. करते हुए मंहगाई के दौर में मेहनतकश कर्मियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया है। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी है।
श्री गिरिराज किशोर ने कहा कि इसके बावजूद हमारे देश में एक विसंगति यह है कि जब मूल वेतन 35 रू. था, तब प्रति व्यक्ति औसत आय 20 रू. प्रतिमाह थी। अब जब मूल वेतन 18000 रू. हो गया है प्रति व्यक्ति औसत आय 7700 रू. है। कर्मचारी खुशकिस्मत है कि उन्हें हर वर्ष प्रोत्साहन मिलता है। जबकि समाज का एक वर्ग कम आय में गुजारा करता है, ऐसे में मेहनतकश हर सरकारी कर्मी से समाज अपेक्षा करता है कि वह अपनी कर्त्तव्य परायणता का परिचय देकर जनता के सुख-दुख के प्रति संवेदनशील बनें।
हमें अपनी संवैधानिक जबावदेही पर खरा उतरकर नरेन्द्र मोदी द्वारा विकसित कार्य संस्कृति को परिभाषित करना है, इसके लिए यह भी आवश्यक है कि हम वेतनभोगी प्रवृत्ति से ऊंचा उठकर जब तक विषमता की खायी नहीं पट जाती अधिकारों के बजाय कर्तव्योंन्मुख बन जायें।