भोपाल। मप्र ऊर्जा विकास निगम ने "उजाला योजना" के तहत मप्र में 35 लाख नकली एलईडी बल्ब बांट दिए। अब जबकि मामले का खुलासा हो गया तो निगम का कहना है कि जो एलईडी बल्ब खराब हो गए हैं, उन्हें हम फ्री में बदल देंगे।
इंदौर में शुक्रवार को पुलिस ने एलईडी बनाने वाली कंपनी का खुलासा किया था। यह फर्जी कंपनी उजाला योजना के तहत फर्जी एलईडी बेच रही थी। मप्र ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक मनु श्रीवास्तव ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में अभी तक 35 लाख एलईडी बेची गई। यह अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर, पोस्ट आफिस, बिजली कंपनियां और अक्षय ऊर्जा शॉप द्वारा बेचे जा रहे हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि यह नकली एलईडी हमारे नाम से बिक रही है। इसलिए जिन लोगों की एलईडी खराब हो गई उसकी जगह हम नि:शुल्क एलइडी देंगे क्योंकि इससे हमारी प्रतिष्ठा जुड़ी है। उन्होंने लोगों से एलईडी बल्ब खरीदते समय सावधानी बरतने का आव्हान किया।
रिप्लेस के लिए आई तब पता चला
श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे पास कुछ एलईडी रिप्लेस के लिए आर्इं थी। जांच कराने पर पाया कि यह नकली हैं। हालांकि इसकी पैकिंग पूरी तरह असली पैकिंग से मिलती जुलती है। पुलिस और निगम के अधिकारियों ने जाल फैलाकर इंदौर में यह रैकेट पकड़ा है। सिंथटेक नाम की कंपनी फर्जी एलईडी बनाकर हमारे अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटरों के जरिए बेचने की तैयारी में थी लेकिन डिस्ट्रीब्यूटरों की शिकायत के बाद पुलिस ने फर्जी कंपनी सहित डायरेक्टर हनी सिंह सहित आधा दर्जन लोगों को पकड़ा है। ये लोग डिस्ट्रीब्यूटरों को 65 रुपए में एलईडी दे रहे थे। जबकि अधिकृत एलईडी पर पांच रुपए कमीशन मिलता है।