अमरकंटक थर्मल पॉवर स्टेशन का पैनल फटा, 3 घायल, लीपापोती

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। अमरकंटक थर्मल पॉवर स्टेशन चचाई में शुक्रवार की दोपहर यूनिट क्रमांक-5 में पैनल फट जाने से तीन मजदूरों के घायल हो जाने की जानकारी मिली है, इनमें से दो मजदूरों को गंभीर हालत में किम्स अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया गया है, दूसरी ओर अमरकंटक थर्मल पॉवर चचाई का प्रबंधन इस पूरे मामले में पर्दा डालने में जुटा हुआ है।

घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई के यूनिट क्रमांक-5 में रखरखाव का कार्य चल रहा था, उसी दौरान दोपहर करीब 4 बजे विद्युत यूनिट के पैनल में जोरदार धमाका हुआ, जिससे वहां कार्यरत मजदूर अतुल मोगरे पिता एन.जय सिंह मोगरे उम्र 23 वर्ष तथा अनिल मरावी पिता श्याम मरावी उम्र 23 वर्ष सहित एक अन्य मजदूर बुरी तरह झुलस गये। इनमें से अतुल तथा अनिल की हालत बेहद गंभीर होने के कारण दोनों को किम्स अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया गया है। घटना के संबंध में घायल मजदूरों के परिजन ने बताया कि यह दोनों नियमित कर्मचारी है तथा प्रबंधन की लापरवाही के कारण उनकी जान जोखिम में आई है, वहीं दूसरी ओर अमरकंटक थर्मल पॉवर चचाई में पदस्थ अभियंता जितेन्द्र सिंह से जब इस दुर्घटना के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने साफतौर पर कहा कि उन्हें ऐसी कोई घटना की जानकारी नहीं है। कुल मिलाकर विद्युत ग्रह के अधिकारी इस मामले में पर्दा डालने की कोशिश में जुटे रहे।

गौरतलब है कि अमरकंटक ताप विद्युत केन्द्र चचाई की यूनिट क्र-5 बुधवार को ही डेढ़ माह के लिए वार्षिक रख-रखाव करने बंद कर दी गई थी। 210 मेगावाट की यूनिट बंद कर देने पर चचाई बिजली घर में बिजली का उत्पादन पूरी तरह शून्य हो गया है। यूनिट बंद करने की एक वजह मानसून में प्रदेश में बिजली की मांग घटना भी है। प्रदेश के सारणी एवं बिरसिंहपुर की यूनिटों को भी लो डिमांड के चलते बंद किया गया है। यह रूटीन प्रक्रिया के तहत होता है।
अमरकंटक ताप विद्युत केन्द्र एक वर्ष पूर्व 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता था लेकिन वर्ष 2014 और 2015 में यहां की 120-120 मेगावाट की 1-1 इकाई टरबाइनों के खराब हो जाने पर बंद कर दी गई। जिसके बाद से यहां 210 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट से बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। गत वर्ष इस यूनिट को वार्षिक रख.रखाव के लिए बंद नहीं किया गया था। 210 यूनिट को 28 अगस्त तक बंद रखा गया जब विभिन्न हिस्सों का मरम्मत कार्य होगा। यूनिट के बंद होने से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर प्रभावित होंगे इन्हें एक माह कार्य से अलग होना पड़ेगा। प्लांट के कर्मचारियों व ठेका के कुछ मजदूरों द्वारा यहां वे कार्य जारी रखे जाएंगे जो ओवर हाल के दरम्यान प्लांट के कलपुर्जों की मरम्मत व बदलने का किया जाएगा। बताया गया है कि इस विद्युत यूनिट के बायलर व टरबाइन के क्षेत्र सहित आई फैनए ईएसपीए बाटम जैसे महत्वपूर्ण भागों में मेंटिनेंस कार्य किए जाएंगे। यूनिट के जिस हिस्से के कलपुर्जे विद्युत परिचालन के दौरान बिगड़ गए उन्हें सुधारा जाएगा और खराब हो चुके उपकरणों को बदला जाएगा। बताया गया लगातार चलने से मशीनों में खराबियां आ जाती हैं और संयंत्र की क्षमता भी घटने लगती है करोड़ों रुपए से यूनिट का मेंटिनेंस ठेके में विभिन्न कम्पनियों को देकर कराया जा रहा है।

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