बिजली कंपनी के घूसखोर इंजीनियर को 3 साल की जेल

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी पूर्वी क्षेत्र के वारासिवनी में पदस्थ रहे तत्कालीन डिवीजनल इंजीनियर पीके धोंधे को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 और 13 (1),13 (2) के तहत दोषी पाये जाने पर विशेष न्यायालय के न्यायाधीश श्री दीपक त्रिपाठी ने कल 29 जुलाई को फैसला सुनाते हुये भ्रष्टाचार अधिनियम की 7 में 3 वर्ष का कारावास और 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड धारा 13(1), डी, 13 (2) में 5 वर्ष का कारावास तथा 1 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है जुर्माना नही चुकाये जाने पर क्रमाश 6 माह और 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास से दण्डित करने के आदेश दिये है।

यह उल्लेखनीय है लोकायुक्त जबलपुर की पुलिस ने उन्हें 10 मई 2013 को 20 हजार रूपये की रिश्वत लेेते हुये रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। डीई धोंधे ने योगेश पिता गनपतलाल गोयल कटंगी निवासी से राईस मिल में बिजली कनेक्शन लगाने के लिये 50 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की थी। 

शिकायत योगेश ने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में की थी जिसके आधार पर योजनाबद्ध तरिके से डीई पी के धोेंधें को 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते पकडा था।  उनके विरूद्ध अपराध दर्ज कर मामले का चालान 23 अक्टूबर 2013 को प्रस्तुत किया गया था।

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