अरविंद पांडेय/नईदिल्ली। मप्र के 39 शहरों में शीघ्र ही हवाई यात्राएं शुरू हो सकतीं हैं। उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए एविशएन कंपनियों को कई तरह के ऑफर भी दिए है। जिसके तहत एयरपोर्टों पर वह तमाम सुविधाएं मुफ्त में देने की पेशकश की है, जिनके लिए उन्हें अभी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। इनमें फ्यूल पर लगने वाला भारी भरकम वैट भी शामिल है। इतना ही नहीं, उड्डयन मंत्रालय ने रीजनल एयर कनेक्टीविटी को बढ़ावा देने के लिए पांच सौ करोड़ का अलग एक फंड बनाने की बात कही है। जिसमें कंपनियों के घाटे को कम करने में मदद की दी जाएगी।
उड्डयन मंत्रालय के रीजनल एयर कनेक्टीविटी प्लान के मुताबिक इसमें देश के उन सभी शहरों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो पर्यटन महत्व के है और मौजूदा समय में हवाई सेवाओं से कटे हुए है। इनमें देश के ऐसे करीब 400 शहरों को चुना गया है। मंत्रालय ने इन सभी शहरों की लिस्ट जारी कर एविएशन कंपनियों से रूट तय करने का कहा है।
मंत्रालय के प्लान के मुताबिक रीजनल एयर कनेक्टीविटी सेवा शुरू करने वाली कंपनियों को उड़ान की अनुमति लेने से पहले पचास लाख रूपए की सिक्यूरिटी जमा करानी होगी। उनके बाद ही उन्हें अनुमति मिलेगी।
मप्र के इन शहरों से उडेंगे छोटे प्लेन
अंबिकापुर(दरीमा), अमला, बैतूल, बिरलाग्राम(नागदा), बिरवा, बुरहार(शहडोल), छिंदवाडा, दमोह, धाना, गांधी सागर, गुना, जगदलपुर, जशपुरनगर, झाबुआ, झाबुआ(रनपेट), कान्हा, खंडवा, खरगोन, लालपुर, नागदा, नीमच, नौगांव, पचमढी, पन्ना, रायसेन(चिकलोद), राजहरा(धल्ली), राखीकोल, रतलाम, रीवा, सागर, सारंगगढ़, सरनई, सतना, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सीतमनु(मंनसौर), टेकनपुर, उज्जैन।
रीजनल कनेक्टीविटी में 800 किमी तक ही उड़ान को मिलेगी मंजूरी
रीजनल एयर कनेक्टीविटी के तहत विमानों को सिर्फ दो सौ से आठ सौ किमी तक ही उड़ान की अनुमति रहेगी। यानि इतनी दूरी तक की उड़ानों को ही रीजनल कनेक्टीविटी में शामिल किया जाएगा। इन्ही उडानों पर ही किराया तय होगा। साथ ही कंपनियों को छूट मिलेगी। इससे ज्यादा दूरी पर कंपनियों अपने स्तर से किराया वसूलने के लिए स्वतंत्र रहेगी।