
कश्मीर में चल रहे यह हमले पाकिस्तान से कराए जा रहे हैं, इसमें काई संदेह शेष नहीं रह गया है। उधर पाकिस्तान सरकार, केंद्र सरकार को उलझा रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में 'मानवाधिकार' का मुद्दा उठा रहा है। विदेशी दवाब में आई केंद्र सरकार ने भी वहां सेना की तैनाती तो कर रखी है परंतु वो स्टेंडबाई मोड में है, यानि वो हथियार लेकर तो खड़ी है परंतु किसी भी सूरत में हमला नहीं कर सकती।
उपद्रवी कश्मीर में सिर्फ सेना, पुलिस और अमरनाथ यात्रियों को निशाना बना रहे हैं। अमरनाथ यात्रियों की हत्याएं नहीं की जा रहीं हैं, क्योंकि पाकिस्तान को पता है कि ऐसा किया तो जवाबी हमला बहुत बड़ा होगा, परंतु उपद्रवी अमरनाथ यात्रियों के साथ मारपीट कर रहे हैं और जता रहे हैं कि 'यह तुम्हारा हिंदुस्तान नहीं, हमारा कश्मीर है' यहां से लौट जाओ और वापस कभी मत आना।