नई दिल्ली। 7वें वेतनमान को लेकर 32 लाख कर्मचारियों ने 11 जुलाई से हड़ताल का ऐलान किया है तो मोदी सरकार ने भी लामबंद कर्मचारियों को सबक सिखाने की ठान ली है। धमकी भरा नोटिस जारी किया गया है। कहा गया है कि यदि हड़ताल पर गए तो नौकरी से निकाल दिए जाओगे। अधिकारी के आदेश पर काम नहीं किया तो जेल में डाल दिए जाआगे।
सभी केंद्रीय विभागों ने अपने-अपने कर्मचारियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि आदेश की अवहेलना करने और हड़ताल में शामिल होने पर आप अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं। यही नहीं कोई कर्मचारी यदि ड्यूटी पर नहीं रहता है या काम करने से मना करता है तो उसे दो साल की जेल या जुर्माना भरना पड़ सकता है। मामला गंभीर होने पर उन्हें जेल और जुर्माना दोनों ही तरह की सजा से गुजरना पड़ सकता है। किसी दूसरे स्टाफ को काम करने से रोकने पर भी आपके साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि 7वें वेतन आयोग के खिलाफ केंद्र सरकार के सभी विभाग के कर्मचारी आगामी 11 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं। हड़ताल का नेतृत्व करने वाली यूनियन नेशनल जॉइंट काउन्सिल ऑफ़ एक्शन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा दावा कर रहे हैं कि 32 लाख कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे।