भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने आज हुए केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार में मंत्रीगण श्रीमती नजमा हेपतुल्ला व श्री कलराज मिश्र को 75 साल से अधिक उम्रदराज मानते हुए भी नहीं हटाए जाने पर तंज कसते हुए भाजपा से पूछा है कि क्या मप्र में यह फार्मूला प्रदेश मंत्रिमंडल में हमेशा सिद्धांतों की ईमानदारीपूर्वक वकालात करने वाले पार्टी के वरिष्ठतम नेता व मंत्री सर्वश्री बाबूलाल गौर व सरताज सिंह को हटाने के लिए ही बना था?
मिश्रा ने कहा कि इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि गौर-सरताज को इस फार्मूले ने नहीं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने ही अपनी निजी कुंठा व आंखों की किरकिरी होने की वजह से हटाया है।
केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर भी मिश्रा ने कहा कि 25 मई, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रीमंडल की नीति को स्पष्ट करते हुए ”मिनिमम गर्वेन्टमेंट, मेक्सिमम गर्वनेंस“ (Maximum Governence, Maximum Governence) की बात दोहराते हुए कहा था कि मेरी सरकार मंत्रीमंडल के गठन को लेकर सकारात्मक परिवर्तन की पक्षधर है। यूपीए सरकार के दौरान जिस भाजपा ने मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर बवाल मचाया था, आज हुए विस्तार के बाद वह संख्या मनमोहन सरकार से अधिक हो चुकी है। अब भाजपा खामोश क्यों है? प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उदघोषित ”मिनिमम गर्वेन्टमेंट, मेक्सिमम गर्वनेंस“ वाक्य भी एक और राजनीतिक जुमले के रुप में तब्दील हो गया है ।