नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से जुड़ा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इस नोटिफिकेशन का केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को बेसब्री से इंतजार था। इस नोटिफिकेशन से यह साफ हो गया है कि आज की तारीख में अगस्त में नए वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी मिलेगी और वहीं यह भी साफ हो गया है कि सभी भत्ते और न्यूनतम वेतनमान को लेकर उठे विवादों के बीच फिलहाल वेतन आयोग की सिफारिशें ही प्रभावी होंगी।
आइए पढ़ें इस सातवें वेतन आयोग पर जारी नोटिफिकेशन की सबसे महत्वपूर्ण 17 बाते...
- इस संकल्प के अधिसूचित किए जाने से ठीक पहले, सिविल कर्मचारियों के संबंध में लागू वेतन बैंड और ग्रेड वेतन के स्थान पर वेतन मैट्रिक्स प्रणाली लागू होगी।
- जहां तक 01 जनवरी, 2016 स्थिति के अनुसार नए वेतन मैट्रिक्स किसी कर्मचारी के वेतन निर्धारण का संबंध है, तो 31 दिसंबर, 2015 की स्थिति के अनुसार संशोधन-पूर्व संरचना में विद्यमान वेतन (वेतन बैंड में वेतन जमा ग्रेड वेतन) को 2.57 के गुणांक से गुणा किया जाएगा। इस प्रकार प्राप्त राशि, नए वेतन मैट्रिक्स में कर्मचारी के वेतन बैंड और ग्रेड वेतन अथवा वेतनमान के अनुरूपी लेवल में तलाशी जानी है। यदि इस प्रकार प्राप्त राशि के समरूप कोई कोष्ठिका समुचित लेवल में उपलब्ध है तो उसी कोष्ठिका को संशोधित वेतन माना जाएगा। अन्यथा उस लेवल में अगली उच्चतर कोष्ठिका को कर्मचारी का संशोधित वेतन माना जाएगा।
- उक्त उप-पैरा (2) में यथा-विनिर्दिष्ट उपयुक्त लेवल में वेतन के निर्धारण के पश्चात् उसी लेवल में अगली वेतन वृद्धि, उस लेवल में दी गई उससे ठीक अगली कोष्ठिका में दी जाएगी।
- विद्यमान 01 जुलाई की तारीख के बजाए वेतन वृद्धि दिए जाने की दो तारीखें होंगी जो प्रत्येक वर्ष की 1 जनवरी और 1 जुलाई हैं; शर्त यह है कि नियुक्ति, पदोन्नति अथवा वित्तीय उन्नयन स्वीकृत किए जाने की तारीख के आधार पर कोई कर्मचारी इन दो तारीखों में से केवल किसी एक तारीख पर वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ ले सकेगा।
- केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों और अखिल भारतीय सेवाओं के कार्मिकों के लिए संशोधित वेतन संरचना इस संबंध में आयोग की सिफारिशों और उन पर सरकार द्वारा दो पे मैट्रिक्स बैंड में दिए वेतनमान के अनुसार 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगी। इस मद में बकाया राशि का भुगतान वित्त वर्ष 2016-17 में किया जाएगा।
- भत्ता (महंगाई भत्ते को छोड़कर) से संबंधित सिफारिशें वित्त सचिव एवं सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में गठित एक समिति को भेजी जाएंगी जिसमें गृह, रक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, डाक विभाग के सचिव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सदस्य के रूप में शामिल होंगे। समिति चार माह के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लिए जाने तक, सभी भत्तों का भुगतान वर्तमान वेतन संरचना में मौजूद दरों पर किया जाता रहेगा। जैसे कि वेतन 01 जनवरी, 2016 से संशोधित ही न किया गया हो।
- ब्याज-युक्त अग्रिम और ब्याज-मुक्त अग्रिम (एडवांस) के संबंध में आयोग की सिफारिशें इस अपवाद के साथ स्वीकार कर ली गई हैं कि चिकित्सा उपचार, मृतक के परिवार के लिए यात्रा भत्ते, दौरे अथवा स्थानांतरण पर यात्रा भत्ते और छुट्टी यात्रा रियायत के लिए ब्याज मुक्त अग्रिम जारी रखे जाएंगे।
- विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सरकारी कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना में मासिक अंशदान की दरों में वृद्धि की आयोग की सिफारिशों स्वीकार नहीं किया गया है। मासिक अंशदान की वर्तमान दरें जारी रहेंगी।
- व्यय विभाग और वित्तीय सेवाएं विभाग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक उपयुक्त सामूहिक बीमा योजना तैयार करेंगे।
- सरकार ने उन पदों जिनका उल्लेख पे मैट्रिक्स 3 में किया गया है, को छोड़कर, पदों के उन्नयन के संबंध में आयोग की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं। उन्नयन के संबंध में पे मैट्रिक्स-3 में वर्णित सिफारिशों की जांच कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा अलग से की जाएगी। ताकि इस मामले पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जा सके।
- सरकार ने पदावनति संबंधी आयोग की सिफारिशों स्वीकार नहीं की हैं और कहा कि ऐसे मामलों में सामान्य प्रतिस्थापन दिया जाएगा।
- चिकित्सकों जिनके लिए प्रैक्टिसबंदी भत्ता स्वीकार्य है और रेलवे कर्मचारी जिनके लिए चलन भत्ता स्वीकार्य है, उनके वेतन संशोधित करते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रारंभिक निर्धारण के समय वेतन में वास्तविक वृद्धि आयोग द्वार की गई सिफारिश के अनुसार लगभग 14.29% हो।
- केंद्रीय स्टॉफिंग के तहत प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों की वेतन-रक्षा की जाएगी और उन्हें वेतन में अंतर का भुगतान अधिसूचना के प्रभावी होने की तारीख से व्यक्तिगत वेतन के रूप में किया जाएगा।
- ऐसी सिफारिशें जो वेतन, पेंशन एवं भत्तों से संबंधित नहीं हैं, उनकी जांच तथा विभागों/संवर्गों/पदों से विशिष्ट तौर पर जुड़े अन्य प्रशासनिक मुद्दों से संबंधी सिफारिशों की जांच संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्य आबंटन नियमों/कारबार संव्यवहार नियमों के अनुसार की जाएगी। जब तक (i) भारतीय पुलिस सेवा/ भारतीय वन सेवा और संगठित समूह "क" सेवाओं में वर्तमान में स्वीकार्य गैर-कार्यात्मक उन्नयन, (ii) केंद्रीय स्टॉफिंग स्कीम के तहत पैनल में शामिल किए जाने के संदर्भ में अन्य अखिल भारतीय सेवाओं/संगठित समूह "क" सेवाओं की तुलना में भारतीय प्रशासिनक सेवा के अधिकारियों को दो वर्ष की अग्रता, (iii) भारतीय पुलिस सेवा तथा भारतीय वनसेवा को भारतीय प्रशासिनक सेवा और भारतीय विदेश सेवा के बराबर सीनियर टाइम स्केल, जूनियर एडिमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड और सेलेक्शन ग्रेड में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां प्रदान किए जाने, (iv) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सभी रैंक के लिए एक समान सेवानिवृत्ति आयु से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों जिन पर आयोग सर्वसम्मति नहीं बना सका है, उनके बारे में सरकार द्वारा निर्णय नहीं ले लिया जाता, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कार्यान्वयन को सुचारू बनाने के उपाय सुझाने के लिए सचिवों की एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें कार्मिक और प्रशिक्षण, वित्तीय सेवाएं तथा पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव शामिल होंगे।
- आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से उत्पन्न व्यक्तिगत, पद-विशिष्ट और संवर्ग-विशिष्ट विसंगतियों की जांच के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वार विसंगति समितियों का गठन किया जाएगा।
- अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित वेतन और उससे जुड़े मामलों के बारे में उचित कार्रवाई कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा की जाएगी जिससे कि इन मामलों में लिये गए तथा उन सेवाओं पर प्रयोज्य निर्णयों को लागू किया जा सके।