मंडला। यहां करीब 8 करोड़ रुपए का सोलर लाइट घोटाला प्रकाश में आया है। जिले की 486 ग्राम पंचायतों में 1.5 लाख रुपए प्रति पंचायत की दर से एक सोलर लाइट कंपनी को पेमेंट करवा दिया गया। पूरा 1 साल गुजर गया लेकिन पंचायतों में लाइट नहीं लगीं। कंपनी पैसा डकार गई। कहा जा रहा है कि पूरे पैसे की बंदरबांट हो गई। इसमें भाजपा नेत्री एवं जिला पंचायत अध्यक्ष संपतिया उइके, तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत एवं सभी जनपद पंचायतों के सीईओ शामिल बताए जा रहे हैं। मजेदार तो यह है कि सरपंच सचिवों तक कमीशन बांटा गया है। अत: ना तो कोई शिकायत करने वाला बचा और ना ही जांच करने वाला। सारा का सारा सिस्टम घोटाले में शामिल हो गया। घोटाले का खुलासा ईटीवी पत्रकार ने किया है।
घुघरी, नैनपुर, बिछिया सहित जिले के सभी जनपद पंचायत क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया गया है। सत्ता पक्ष के रसूखदार नेताओं ने जनपद के अधिकारियों पर दबाव बनाते हुये सरपंच सचिवों को कमीशन का लालच देकर पंच परमेश्वर योजना के चेक सोलर एजेंसी के नाम पर कटवाया है।
हर पंचायत से लिया 1.50 लाख का चेक
एजेंसी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक लाख पचास हजार रुपए का चेक लिया गया है, लेकिन एक साल गुजर जाने के बाद भी गांवों में सोलर लाइट नहीं लगाये गये हैं। ठगी के शिकार सरपंच जनपद सीईओ के कहने पर चेक काटने की बात कर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
सीईओ ने भी स्वीकारा
जनपद सुनील मरकाम के सीईओ खुद ईटीव्ही से बातचीत में करते हुए कैमरे में कैद हुए कि सोलर लाइट का भ्रष्टाचार पहले से चलते आ रहा है और उन्हें घोटाले के बारे में सब कुछ मालूम भी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर वे जांच बहाना बनाते नजर आ रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष की मिली भगत
जिले की 486 ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट लगाने के नाम पर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। इस पूरे खेल में पर्दे पीछे जिले की रसूखदार बीजेपी नेत्री संपतिया उइके का नाम सामने आ सकता है. संपतिया उइके जिला पंचायत की अध्यक्ष भी हैं। कई सरपंचों ने ऑफ द रिकॉर्ड संपतिया के कहने पर एजेंसी को चेक देने की बात की है।