भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र में सिंहस्थ को लेकर कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने 90 से ज्यादा सवाल लगाए हैं। हालांकि अफसरों को इनके जवाब देने में अभी से पसीना छूट रहा है। सदन में जवाब देने के लिए नगरीय विकास और संस्कृति व धर्मस्व विभाग एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होना है।
सूत्रों के मुताबिक सवालों में सिंहस्थ के लिए शौचालय निर्माण, स्वास्थ्य उपकरण व दवा खरीदी, सड़क व अन्य निर्माण के साथ निनौरा में हुए वैचारिक कुंभ में खर्च का हिसाब-किताब मांगा गया है।
सूत्रों के मुताबिक नगरीय प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने सारे सवालों का जवाब धर्मस्व विभाग से दिलाने की बात कही है। विभाग का तर्क है कि यह धर्मस्व विभाग का आयोजन था, जवाब वही दे। इधर धर्मस्व विभाग का कहना है कि सिंहस्थ में 75 फीसदी काम नगरीय प्रशासन विभाग ने किया, बजट खर्च भी उसी विभाग ने खर्च किया तो जवाब हम क्यों दें? मंत्रालय सूत्र बताते हैं कि कई सवालों को नगरीय विकास विभाग ने संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग को ये कहते हुए भेज दिए कि जरूरी राशि उनके द्वारा मुहैया कराई गई थी।
कांग्रेस मुद्दा बनाएगी
कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने बताया कि मानसून सत्र में सिंहस्थ को मुख्य मुद्दा बनाएंगे। उन्होंने और दल के कई विधायकों ने इससे जुड़े सवाल पूछे हैं। इसमें शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार, दवा व स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदी में मनमानी, मटका खरीदी, करोड़ों रुपए का प्रीमियम देने के बावजूद श्रद्धालुओं को बीमा का फायदा नहीं मिलना, वैचारिक महाकुंभ में अपव्यय, प्रचार-प्रसार में अनाप-शनाप खर्चा सहित शामिल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार सिंहस्थ का राजनीतिकरण हुआ है। समरसता महाकुंभ, युवा कुंभ सहित कई आयोजन विचारधारा विशेष तक सीमित रहे। यही वजह है कि ध्यानाकर्षण और शून्यकाल में भी इसे मुद्दा बनाया जाएगा। इसकी रणनीति को अंतिम रूप विधायक दल की बैठक में देंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के कुछ विधायकों ने भी सिंहस्थ से जुड़े सवाल पूछे हैं। हालांकि, ये व्यवस्थाओं से जुड़े हैं।