भोपाल। राजधानी में एक रात तेज बारिश क्या हुई, आधा शहर तालाब हो गया। लोग इसे प्रकृति का प्रकोप कह रहे हैं लेकिन असलियत यह है कि 4 महीने पहले से नगरनिगम के महापौर आलोक शर्मा और कमिश्नर छवि भारद्वाज को पता था कि यदि तेज बारिश हुई तो भोपाल में जलभराव होगा। बावजूद इसके कोई तैयारी नहीं की गई। बता दें कि भोपाल में 126 स्थानों पर जलभराव हुआ। यह गंभीर स्थिति है।
निगम ने 40 कर्मचारियों से शहर के जलभराव वाले इलाकों का सर्वे अप्रैल 2016 में पूरा करा लिया था। कमिश्नर छवि भारद्वाज इससे मुंह नहीं मोड़ सकतीं क्योंकि उनके भोपाल में पदस्थ होते ही यह रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट की एक कॉपी कलेक्टर निशांत बरवड़े के पास भी थी। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में बताया था इन इलाकों में पानी क्यों भरता है और इस समस्या से निपटने के लिए उपाय भी सुझाए थे, लेकिन महापौर, कमिश्नर और कलेक्टर सभी ने इसे नजरअंदाज कर दिया। यदि उसी समय इस रिपोर्ट की संवेदनशीलता को समझकर कार्रवाई की होती तो हालात ऐसे ना होते जो हो गए हैं।
यह हैं नए जलभराव के स्थान जलभराव का कारण प्रभावित घरों की संख्या
- शिखर होटल के पीछे जल निकासी कम होने के कारण 30 मकान प्रभावित
- डॉ भंभानी क्लिनिक के पास नालियां चोक होने के कारण 30 मकान प्रभावित
- बैरागढ़ सीटीओ मेन रामलाल के घर सामने नालियां नहीं होने के कारण 25 मकान प्रभावित
- गांधी नगर नई बस्ती नाला एवं नालियां छोटी होना 90 मकान प्रभावित
- फैज मस्जिद के पीछे एयरपोर्ट रोड नाले पर अतिक्रमण 50 मकान प्रभावित
- पुराने शहर के परीपार्क रोड क्रास को बंद करने के कारण 10 मकान प्रभावित
- सीआरपी गुरुद्धारे के पीछे नाली नहीं होने के कारण 40 मकान प्रभावित
- स्टेट बैंक चौराहा लोकायुक्त ऑफिस नाली की निकासी बंद मुख्य मार्ग प्रभावित
- अल्पना तिराहा का नाला व गोल्डन फर्नीचर के पास का नाला नए रोड की ऊंचाई अधिक होने के कारण 50 दुकानें प्रभावित
- पटेल नगर 100 फीट रोड पर अतिक्रमण नाले के ऊपर 500 घर प्रभावित
- गंदी बस्ती नया बसेरा अतिक्रमण एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा नाले में पानी रोकने के लिए दीवार बना दी गई है 115 घर प्रभावित
- हबीबगंज स्टेशन के सामने अरेरा कॉलोनी बीआरटीएस मार्ग पर बनाई गई पुलिस के आकार के कारण 5 मकान प्रभावित
गुलमोहर साउथ एवेन्यू रोड क्रास बंद होना 32 मकान प्रभावित
चिनार वुडलैंड चूनाभट्टी कोलार पाइप लाइन के कारण नाला भर जाता है 20 मकान प्रभावित