शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। इसलिए उन्हें पंजाब की बेटी कहा जाता है। उन्होंने दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा पाई और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
उत्तरप्रदेश से रिश्ता
उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। शीला दीक्षित ने अपने श्वसुर उमाशंकर दीक्षित से ही राजनीति सीखी और कांग्रेस में शुरूआत की। शीलाजी एक बेटे और एक बेटी की मां हैं। उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं।
राजनीति में आने से पहले वे कई संगठनों से जुड़ी रही हैं और उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली में दो हॉस्टल भी बनवाए। 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं। इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। वे बाद में केन्द्रीय मंत्री भी रहीं। वे दिल्ली शहर की महापौर से लेकर मुख्यमंत्री भी रहीं।
विवादों में क्या क्या
उन पर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया गया। यह मामला लोकायुक्त अदालत में है और इसका फैसला आने वाला है।
दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में उनका नाम प्रमुखता से लिया गया।
जैसिका हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनु शर्मा को पैरोल पर रिहा कराने को लेकर भी उन पर आरोप लगे हैं।
दिल्ली में सोलह दिसम्बर, 2012 की रात को चलती बस में गैंग रेप मामले को लेकर भी लोगों ने उनकी सरकार और पुलिस व्यवस्था की कड़ी आलोचना की और उन्हें इस तरह की घटनाओं के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदार बताया है।