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सुसनेर विधायक मुरलीधर पाटीदार ने इस मामले में नीमच जिले के कर्मचारियों के ज्ञापन के बाद सीएम को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा है कि सपाक्स की नीमच जिला इकाई द्वारा उन्हें पदोन्नति में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर अमल कराने के लिए ज्ञापन दिया गया है। सपाक्स ने 30 अप्रेल को दिए कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के लिए कहा है। इसलिए आपसे निवेदन है कि इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक कार्यवाही कर न्यायोचित कार्यवाही करेंगे। पाटीदार ने इसको लेकर सपाक्स द्वारा दिए गए ज्ञापन की कॉपी भी सीएम को भेजी है।
सोशल मीडिया पर किया वायरल
पाटीदार ने केवल सीएम को पत्र नहीं लिखा बल्कि इसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कराया। ताकि सबको पता चल सके कि वो सपाक्स का समर्थन कर रहे हैं।
भाजपा की गाइडलाइन तोड़ी
भाजपा ने रीवा सम्मेलन में तय किया था कि पूरी पार्टी आरक्षण के मामले में सीएम शिवराज सिंह के साथ है। इसके बाद आरक्षण के खिलाफ आवाज उठा रहे तमाम भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली थी। इनमें मुरलीधर पाटीदार भी थे।
अब तक क्यों चुप रहे
पाटीदार के संदर्भ में यह समझा जाना चाहिए कि उन्होंने इतने समय बाद आरक्षण का विरोध क्यों किया जबकि मुद्दा बहुत पहले से गरमाया हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं कि पाटीदार को इशारा किया जा चुका है कि अगली बार टिकट की उम्मीद मत करना और अध्यापकों की राजनीति के लिए अब वो वापस आ नहीं सकते। ऐसी स्थिति में वो खुद को कर्मचारी नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हों। या फिर सीएम शिवराज सिंह पर प्रेशर क्रिएट करने के लिए कोई नया हथकंडा है।