BJP की बैठकों में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति घट रही है | MP Political News

भोपाल। मप्र में भाजपा सत्ता की तीसरी पारी खेल रही है परंतु संगठन की जड़ें कमजोर हो गईं हैं। जिलों में होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में भी कार्यकर्ता उपस्थित नहीं हो रहे हैं। अब वो भीड़ जुटाने और फर्श बिछाने के लिए तैयार नहीं हैं। बगावत शुरू नहीं हुई है परंतु हालात अलार्मिंग हैं। इसे मोहभंग भी माना जा सकता है। स्थिति यह है कि बैठक में आए कार्यकर्ता कहीं बीच में ही भाग ना जाएं इसलिए बैठक शुरू होते ही कक्ष में ताला जड़ दिया जाता है। यह वाकया विगत दिनों होशंगाबाद में जिला स्तर की बैठक में हुआ। इधर सतना, उमरिया और हरदा की हालत भी इससे अलग नहीं है।

संगठन की असल परेशानी है कि सभा, जुलूस-जलसों में भीड़ जुटाने का अलग मैनेजमेंट है, ऐसे में पार्टी के कार्यक्रमों की रणनीति पर चर्चा के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाने में पदाधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व का निर्देश है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति का संदेश प्रदेश, जिला और मंडल से लेकर बूथ स्तर तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाए, लेकिन इस कवायद के तहत जिलों में जो बैठकें हुईं, उसमें प्रदेश स्तर के नेता नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे कार्यकर्ता भी बैठक के प्रति उदासीन हैं।

बैठकों को सफल बताने की गरज से कुछ जिलों में तो मंच से कार्यकर्ताओं को ज्यादा देर तक ठहरने के लिए अनुनय-विनय किया गया, जब वे नहीं माने तो समझाइश के नाम पर 'देख लेने" जैसे भाव में रोकने की कोशिश की गई। 

होशंगाबाद में जिला बैठक में सरताज सिंह और सांसद राव उदय प्रताप सिंह नहीं पहुंचे, लेकिन विस अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा सहित विधायक विजयपाल सिंह व ठाकुरदास नागवंशी मौजूद थे। कार्यकर्ता कम आए जो आए थे वे भी न भाग जाएं इसके लिए संगठन मंत्री जितेंद्र लिटोरिया को सभा कक्ष में ताला डलवाना पड़ा।

हरदा में प्रदेश अध्यक्ष ने भोपाल से सह कार्यालय मंत्री राजेंद्र सिंह राजपूत को भेजा था। बैठक में पदाधिकारी पहुंचे लेकिन उपस्थिति बेहद कम रही। 

सतना और उमरिया में कार्यकर्ताओं की कमी को पार्टी पदाधिकारियों ने खासतौर पर नोटिस किया। बैठकों में पहुंचने वालों ज्यादातर वही लोग थे जो पदों पर हैं अथवा जिन्हें सत्ता का नजदीकी माना जाता है।

मोहभंग नहीं है 
भाजपा कार्यकर्ता दोहरे दायित्व भी निभाते हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में भी उनकी व्यस्तता के कारण कभी-कभार ऐसी दिक्कतें आती है। इस आधार पर यह कहना कि कार्यकर्ताओं का मोहभंग हो रहा है, ठीक नहीं है। 
नंदकुमार सिंह चौहान, अध्यक्ष मप्र भाजपा

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