भोपाल। पलेरा के अंबेडकर मंगल भवन का मामला अंतत: जांच की जद में आ ही गया। सरकारी रिकार्ड बता रहा है कि वहां मंगल भवन बनाया जा चुका है परंतु विधायक का कहना है कि मौके पर कोई भवन मौजूद नहीं है। उन्होंने अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह को ललकारते हुए पूछा कि 'कृपया बताएं, वो भवन कहां और किस रंग का है, उसकी चर्तुसीमा क्या है।' इसके बाद मंत्रीजी चुप रह गए। अधिकारी भी कोई जवाब नहीं दे पाए। अंतत: विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रीजी को कहा कि इस मामले की जांच कराएं।
विधायक चंदा गौर ने अपने विधानसभा क्षेत्र पलेरा में अंबेडकर मंगल भवन के निर्माण का मुद्दा उठाया था। मंत्री का कहना था कि वहां मंगल भवन का निर्माण किया जा चुका है अब दूसरा भवन बनाना संभव नहीं है।
इस पर आपत्ति लेते हुए चंदा गौर ने कहा कि मंत्री जी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। वहां मंगल भवन सिर्फ कागजों में बना है। मंत्रीजी बताए कि वह किस रंग का और कैसा बना है। इस पर मंत्री ज्ञान सिंह अफसर दीर्घा की ओर देखने लगे, अधिकारी दीर्घा से आई पर्ची के आधार पर उन्होंने कहा कि 19 लाख 16 हजार की लागत से मंगल भवन बनाया गया है। इस पर विधायक ने कहा कि यह जानकारी भी असत्य है।
इस पर विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि विधायक कह रही है कि मंगल भवन नहीं बना है तो इसकी जांच होनी चाहिए। इस पर अध्यक्ष ने ज्ञान सिंह से कहा कि वे इसकी जांच करा लें। बाद में मंत्री ने कहा कि वे जांच करा कर यह दिखवा लेंगे कि मंगल भवन बना है या नहीं। दिलचस्प यह भी रहा कि उनके जवाब के बाद अधिकारी दीर्घा से दूसरी पर्ची आई। तब तक कार्यवाही आगे बढ़ चुकी थी।